Tuesday, May 19, 2020

Coronavirus (Novel corona virus2019)


कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह RNA वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है।
इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। अभी तक रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।
           चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा।
2019 नोवेल कोरोनावायरस (2019 novel coronavirus, 2019-nCoV), जो वूहान कोरोनावायरस (Wuhan coronavirus) और सार्स-कोव २ भी कहलाता है, संक्रमण (रोग) फैलाने वाला कोरोनावायरस प्रकार का एक वायरस (विषाणु) है जो श्वसन तंत्र संक्रमण उत्पन्न करता है और मानव-से-मानव में फैलता है।

सर्वप्रथम
इसकी पहचान सर्वप्रथम सन् 2019-20 में वूहान, हूबेई, चीन में करी गई थी, जहाँ यह 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप का कारक था। इसके एक पशुजन्यरोग होने के संकेत हैं कि इसके पहले ज्ञात रोगी वूहान के एक ऐसे बाज़ार से सम्बन्धित थे जहाँ तरह-तरह के प्राणी माँस के लिए बिकते थे। सम्भव है कि यह आरम्भ में चमगादड़ से मानव में फैला हो क्योंकि इस बाज़ार में चमगादड़ भी खाए जाते हैं और इस वायरस का चमगादड़ों में पाए जाने वाले कुछ कोरोनावायरस से अनुवांशिक समानताएँ मिलती हैं। यह भी माना जा रहा है कि यह वायरस पैंगोलिन से मानव में फैला हो।

संचरण
इस वायरस के मानव-से-मानव संचरण की पुष्टि 2019-20 कोरोनोवायरस महामारी के दौरान की गई है। इसका प्रसार मुख्य रूप से लगभग 6 फीट (1.8 मीटर) की सीमा के भीतर खांसी और छींक से बूंदों के माध्यम से होता है। दूषित सतहों के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपर्क, संक्रमण का एक और संभावित कारण है।

इलाज
इस वायरस से उत्पन्न बीमारी के लिये कोई भी टीका या दवाई खोजी नही गई है। हालाँकि, टीके और दवा की खोज वैश्विक पैमाने पर की जा रही है। चूँकि यह एक नया वायरस है, मानव शरीर इससे लड़ने में दक्ष नही है। लगभग २०% संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती किये जाने की जरुरत पड़ती है।
चूँकि इस बीमारी को पहली बार वुहान,चीन में पाया गया था, इसलिये इसे कभी-कभी "वुहान वायरस" या "वुहान कोरोनावायरस" कहा जाता है।,मगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (ब्ल्यूएचओ जगहों के नामों के आधार पर प्रयोग करने पर मना करता है. सार्स बीमारी के साथ भ्रम से बचने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन कभी-कभी वायरस को "कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस" या "कोविड-19 वायरस" के रूप में सार्वजनिक स्वास्थ्य संचार में बताता है।

वुहान कोरोना वायरस विश्वमारी (2019–20) ;की शुरुआत एक नए किस्म के कोरोनवायरस (2019-nCoV) के संक्रमण के रूप में मध्य चीन के वुहान शहर में 2019 के मध्य दिसंबर में हुई। बहुत से लोगों को बिना किसी कारण निमोनिया होने लगा और यह देखा गया की पीड़ित लोगों में से अधिकतर लोग हुआँन सीफ़ूड मार्केट में मछलियाँ बेचते हैं तथा जीवित पशुओं का भी व्यापर करते हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने बाद में कोरोनावायरस की एक नई नस्ल की पहचान की जिसे 2019-nCoV प्रारंभिक पदनाम दिया गया। इस नए वायरस में कम से कम 70 प्रतिशत वही जीनोम अनुक्रम पाए गए जो सार्स-कोरोनावायरस में पाए जाते हैं। संक्रमण का पता लगाने के लिए एक विशिष्ट नैदानिक पीसीआर परीक्षण के विकास के साथ कई मामलों की पुष्टि उन लोगों में हुई जो सीधे बाजार से जुड़े हुए थे और उन लोगों में भी इस वायरस का पता लगा जो सीधे उस मार्केट से नहीं जुड़े हुए थे। पहले स्पष्ट नहीं था कि यह वायरस सार्स जितनी ही गंभीरता या घातकता का है या नही।
 नोट -  दी गई जानकारी की सत्यता की जाँच स्वयंं करें।

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